तुझमें ही संपूर्णता मिलती है

तुझमें ही संपूर्णता मिलती है

तुझमें ही संपूर्णता मिलती है

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एक आत्मा अद्भुत रूप से समृद्ध है। दुनिया का अनिश्चितता, उसे न तो विचलित करती है। तुम्हारे अंदर ही एकआत्मा है जो निष्ठा} से भरी हुई है।

वह एक समस्या हो सकता है , बल्कि आम| सच्चाई है।

यह स्वयं, विभिन्न सुंदरियाँ

प्रत्येक व्यक्ति एक अनोखा रूप होता है। यह पहचान दूसरों से अलग होता है, और यह इसको खास बनाता है।

आप स्वयं को समझना आवश्यक समझते हैं। यह हमें उनकी गुणों का प्रेरणा मिलती है और हम इसके भूमिका को स्पष्ट पाते हैं।

  • जब हम उनके स्वयं को मान्यता करते हैं, तो हम दूसरों का भी देखभाल कर सकते हैं।
  • व्यक्ति व्यक्ति अद्वितीय होता है, और हमें उसे स्वीकार करना चाहिए।

अकेलेपन की शोभा

कुछ लोग समय में अकेलेपन को एक बुराई मानते हैं, परंतु इसका सामाजिक प्रभाव भी होता है। अकेलापन हमें खुद के साथ अनुभव का अवसर देता है, और इस शान्तिपूर्ण समय में हम अपनी भावनाओं को समझ सकते हैं। यह हमें अपने लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है और खुद के बारे में गहराई से जागरूकता प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।

आत्मा की सच्चाई

एक व्यक्ति अपने सफ़र का प्रश्न करते रहता है कि वह क्या चाहता है, उसकी आकांक्षाएँ क्या हैं? उसे मन में एक स्थिरता चाहिए। लेकिन यह सब आसान नहीं पाना, क्योंकि हम अपने get more info आप को खो चुके हैं.

ये ही मेरा पूरा जहाँ

तू सिर्फ ही मेरी जीवन. तेरे बिना मैं काम नहीं हो सकता. तुम्हारा साथ ही मेरे लिए शुभ है.

सच्चा आनंद में स्वयं

पहले तो हमें यह समझना होगा कि "आनंद " क्या है। यह सिर्फ एक अनुभव नहीं है, बल्कि हमारे अंदर का जीवन. जब हम इस प्राणिक शक्ति से जुड़ते हैं, तो हमें आत्म-साक्षात्कार प्राप्त होता है। यह एक ऐसा मार्ग है जिसमें हम विचार से विरक्त हो जाते हैं और सिर्फ आत्मा में रहते हैं।

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